Kota Coaching Center
राजस्थान का कोटा शहर कोचिंग संस्थान(Kota Coaching Center) के लिए बेहद मशहूर है। इस जगह के मशहूर होने के दो कारण है, इन कारणों के बारे में हर कोई जानता है। पहला कारण यह की सबसे बड़ा कोचिंग हब के रूप में इस जगह को पहचाना जाता है। वहीं दूसरा इसी हब से सबसे अधिक आत्महत्या के मामले सामने आते है। लेकिन इन मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए कोचिंग संस्थान के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए है।
सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश
बढ़ते हुए आत्महत्या मामले पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सभी कोचिंग संस्थान के लिए यह ऐलान किया है की किसी भी छात्र का एडमिशन 9 वी कक्षा से पहले नहीं किया जाने चाहिए। इसी के साथ सभी संस्थानों को इस बात का खयाल भी रखना होगा कि किसी भी छात्र पर अनावश्यक मानसिक त्रास नहीं पड़ना चाइए। इन्हीं दिशा निर्देश के अनुसार सभी कोचिंग संस्थानों का डेढ़ दिन का अवकाश कोचिंग सेंटर देंगे. बच्चों व शिक्षकों का अनुपात सही रखें. साथ ही सेंटर पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
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नतीजों को रखा जाए गोपनीय
इस संबंध में सरकार की ओर से यह आदेश जारी किए गए है, की यदि किसी छात्र के निरंतर परीक्षा में काम अंक आ रहे है।वह असेसमेंट टेस्ट के नतीजे सार्वजनिक नहीं करें।इन परीक्षाओं के नतीजों को गोपनीय रखते हुए अपने स्तर पर नियमित विश्लेषण करें व जो बच्चे निरंतर कम अंक प्राप्त कर रहे हैं और जिनका शैक्षणिक प्रदर्शन लगातार गिर रहा है उनकी काउंसलिंग करें। साथ ही किसी भी तरह का भेद भाव न करने से रोकने को कहा गया है। कई बार छात्रों को इस बात की भी चिंता सताती है की अगर परीक्षा में अच्छे मार्क्स नहीं आए तो उनके माता पिता के पैसे बरबाद हो जाएंगे जिसे लेकर सरकार ने फैसला लेते हुए कहा की कोचिंग संस्थान को रिफंड पॉलिसी को अपनाना चाहिए।
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