Nehru Memorial
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्क्षता में 14 अगस्त को नेहरु मेमोरियल (Nehru Memorial) के नाम में बदलाव किया गया था। वहीं अब नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय के नाम से जाना जाएगा। वहीं इसी के साथ देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है। यानी राष्ट्रपति की मंजूरी भी इस बदले हुए नाम को भी मिल गई है।
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जारी किया नोटिफिकेशन
आपको बता दें कि इस संबंध में शुक्रवार को एक गजट नोटिफिकेशन भी राष्ट्रपति की ओर से पेश किया गया है।इससे पहले जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में नेहरू स्मारक संग्रहालय करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी गई थी। वहीं सरकार को सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी का ही इंतजार था।
नेहरु मेमोरियल का बदला नाम
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बदले गए इस नाम से विपक्ष की कांग्रेस सरकार ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार पर वार किया था। वहीं अब इस सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे। वहीं गृह मंत्री अमित शाह के साथ वित्तिय मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस सोसाइटी का हिस्सा होते हुए सदस्य बन ने वाले है। इस सोसाइटी के , पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियालकेंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, प्रह्लाद पटेल, आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे आदि सदस्य होंगे
नाम बदलने पर कांग्रेस ने पीएम पर किया वार
पीएम द्वारा नेहरु मेमोरियल के नाम बदले जाने के ऊपर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि “उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है. उन्होंने एन को मिटाकर उसकी जगह पी डाल दिया है. लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे.”
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