Wagh Nakh
छत्रपति शिवाजी महाराज ने वाघ (Wagh Nakh) के पंजे के आकार के खंजर का इस्तेमाल 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था। अब तक इस वाघ नख को ब्रिटेन के विक्टोरिया ऐंड अल्बर्ट म्यूज़ियम में रखा गया था। इस वाघ नख के जरिए ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए 1659 में इस्तेमाल किया था।
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इसी महीने लाया जाएगा वाघ नख वापस
आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार सरकार इसी महीने ने लंदन जाएगी, जहां वह एल्बर्ट और विक्टोरिया म्यूजियम के साथ एक MoU साइन करेगी।
इस बात की पुष्टि महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुगंटीवार ने की है। आपको बता दें कि उन्होने पुष्टि करते हुए इस संबंध में कहा कि हमें ब्रिटेन के अधिकारियों की ओर से एक पत्र मिला है। इस पत्र में उन अधिकारियों ने शिवाजी महाराज ने वाघ नख को वापसी करने की सहमति जताई है। हालांकि इसे कब तक भारत में वापसी लाया जाएगा इस बात का जिक्र काफी जल्द ही किया जाएगा
वाघ नख अमूल्य खजाना है
छत्रपति शिवाजी का यह वाघनख काफी अमुल्य खजाना है। इसी वाघ नख से लोगों की भावनाएं हिंदुओं से काफी जुड़ी हुई होती है। बता दें कि इस वाघ नख का आगे का हिस्सा काफी नुकिला होता है। यह आगे से बाघ के नखुनो के तरह लगता है। नख में पीछे की ओर दो रिंग भी लगे हुए है। इसी की मदद से शिवाजी ने पहना था और अफजल खान को मार गिराया था।
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