Aditya L1 Mission
भारत का पहला सोलर मिशन Aditya L1 Mission अंतरिक्ष में अपने सफर के लिए तैयार है। इसके लिए काउंटडाउन शुरु किया जा चुका है। आज शनिवार 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे लॉन्च किया जाएगा। आज यानी शनिवार को 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इस से पहले भारत ने चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग को पूरा किया है।
कैसे हुई मिशन की शुरुआत
चंद्रयान 3 की सफल लैंडिग के बाद आदित्य L1 के लॉन्चिंग की घोषणा एस सोमनाथ ने की है। सिंह ने बताया कि 16 फरवरी 1980 को भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण हुआ था. उस समय आईआईए के फाउंडर-डायरेक्टर एम के वेणु बाप्पु ने जगदेव सिंह सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया. 1980 से 2010 के दौरान सिंह ने 10 अभियान चलाए, लेकिन समस्या थी कि ग्रहण के दौरान केवल 5-7 मिनट ही मिलते हैं. लंबी स्टडी के लिए ये काफी नहीं है. इसके बाद उन्होंने अध्ययन में मदद के लिए इसरो और अन्य एजेंसियों में लोगों से बात की. 2009 के आसपास ऐसे संभावित मिशन के बारे में बातचीत शुरू हुई और 2012 में इसकी ठोस योजना विकसित हुई।
इतना लगेगा समय
आपको बता दें कि लॉन्चिंग के बाद Aditya L1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट-1 तक पहुंचने में 127 दिन लगेंगे। लैग्रेंजियन प्वाइंट तक पहुंच कर कुछ परिक्षण किए जाएंगे आपको बता दें कि लॉन्च के समय इसका वजन 321 टन रहता है. यह चार स्टेज का रॉकेट है। लॉन्च के करीब 63 मिनट बाद रॉकेट से आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट अलग हो जाएगा।
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