प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Yojana) के बारें में देशवासियों को जानकारी दी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। बता दें कि इस योजना के तहत सरकार द्वारा पांच साल में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे वहीं इस योजना के पीछे का सरकार का मकसद सिर्फ स्किल वाले काम में लगे कामगारों को सस्ते ब्याज पर कर्ज मुहैया कराना है।
पीएम ने किया था योजना का ऐलान
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को देश को संबोधित करने के दौरान (Vishwakarma Yojana) का ऐलान किया था। उसी दौरान पीएम मोदी ने किया था कि कौशल से संबंधित कामों में लगे कामगारों को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा जयंती के मौके पर विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की जाएगी। बता दें कि इस योजना की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिस पर 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
क्या है विश्वकर्मा योजना
केंद्र सरकार द्वारा इस योजना से लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि जैसे कारिगरों को लाभ पहुंचाना है। वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन लोगों का काफी महत्वपूर्ण योगदान है. इसी कारण केंद्र सरकार ने उन्हें ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुआत की है।
पारंपरिक कामगारों को मिलेगी मदद
बता दें कि इस योजना के तहत पारंपरिक कामगारों को नए प्रकार के उपकरणों व डिजाइन सरकार द्वारा दी जाएगी वहीं इसी योजना के तहत सरकार को दो तरह के कोर्स को भी ऑफर करने वाली है। बेसिक और एडवांस वहीं इस कोर्स को करने वाले कामगारों को सरकार की ओर से Stipend भी दिया जाने वाला है। स्टाइपेंड राशि की बात की जाए तो बता दें कि सरकार की ओर से 500 रुपये रोजाना के हिसाब से स्टाइपेंड देने का फैसला सरकार ने लिया है।
पहले चरण में मिलेगा इतना कर्ज
वही सरकार ने इस योजना के तहत पहले चरण में कामगारों को एक लाख रुपये का तक कर्ज पहले चरण में दिया जाएगा। इस कर्ज की बयाज दर 5 फिसदी तक करने का फैसला सरकार ने लिया है। वहीं इसके दूसरे चरण में 2-2 लाख रुपये का रियायती कर्ज मिलेगाविश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों, शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र भी दिया जायेगा. आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये की मदद दी जाएग।