No confidence Motion
पिछले तीन दिनों से सदन में मणिपुर मुद्दे पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव तीन दिन की चर्चा के बाद गुरुवार को गिर गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 घंटे 13 मिनट तक चर्चा करते हुए मणिपुर पर हिंसा का जवाब दिया। वहीं इस चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टी ने वॉकआउट करने का निर्णय लिया जिसके बाद सदन में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया हालांकि इस तीन दिन की चर्चा में क्या कुछ हुआ आज हम इसके बारें में जानकारी देने आएं है।
मणिपुर हिंसा पर पीएम ने की चर्चा
काफी समय से मणिपुर में चल रही हिंसा को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नजर आ रही है। विपक्ष ने अब तक इस प्रस्ताव में मणिपुर में हो रही हिंसा के बारें में पीएम से चर्चा की बात कही थी। लेकिन जब पीएम ने इस मुद्दे पर बोलना शुरु किया को विपक्ष ने सदन से यह कह कर वॉकआउट कर दिया कि पीएम मणिपुर के बारें में बात नहीं कर रहे। हालांकि हिंसा को लेकर पीएम यह बोले कि अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा हो सकती थी। मोदी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव पर सभी पर बोले, हमारा भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करें और सब चीजों के बारे में बताएं।
वहीं चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी का तीखा रुख नजर आया उन्होने कहा कि विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था. इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे. पीएम ने कहा कि मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया. उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का दौर शुरू हुआ. कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ. दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और सरकार काम कर रही है. देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा. मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं। हालांकि विपक्ष को चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने पत्र लिखकर चर्चा का जिक्र किया था।
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर लगाया आरोप
कांग्रेस नेता राहुल के भाषण के बाद केंद्रिय मंत्री स्मृति ईरानी को चर्चा का मौका मिला इस दौरान उन्होने राहुल गांधी पर सदन में महिला सांसदो को फ्लाइंग किस करने का गंभीर आरोप उनपर लगाया जिसके बाद से ही सदन में काफी हलचल देखने को मिली। वहीं सदन में कांग्रेस द्वारा पूछे गए मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि बसे पहले आपकी पीठ पर, आपके आसन पर जिस तरह का आक्रामक व्यवहार देखा, उसका मैं खंडन करती हूं. मणिपुर खंडित नहीं. यह मेरे देश का अभिन्न अंग है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास खून से सना हुआ है।
अमित शाह ने हिंसा को लेकर कही ये बात
केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष द्वारा गठबंधित I.N.D.I.A पर तीखा हमला बोला है। उन्होने कहा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार पर अविश्वास जरुर हो सकता है। लेकिन देश की जनता को सरकार पर पूरा भरोसा है। हालांकि विपक्ष की एक बात से उन्होने सहमति जताते हुए कहा कि ‘मैं विपक्ष की एक बात से जरूर सहमति रखता हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है’ जो भी घटना वहां घटित हुई वो काफी शर्मनाक है, लेकिन इस पर राजनीति करना और अधिक शर्मनाक है। इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा चर्चा के इस प्रस्ताव पर अमित शाह ने कहा कि हम पहले दिन से चर्चा करने के लिए तैयार थे। लेकिन वपक्ष चर्चा नहीं सिर्फ हंगामा चाहता है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने पीएम पर किया प्रहार
सदन में हुई बहस में पक्ष और विपक्ष दोनो के बीच ही आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की ताकत देखिए हम पीएम मोदी को खींचकर सदन में लाए. यही संसदीय परंपराओं की ताकत है. हम चाहते थे कि पीएम मोदी मणिपुर पर चर्चा में हिस्सा लें। लेकिन उन्होंने न जाने क्यों सदन में न आने की कसम खाई थी. हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने का नहीं सोचा था, लेकिन हमें लाना पड़ा. हालांकि अधीर रंजन द्वारा की गई टिप्पणी पर उन्हें लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है।
आपको बता दें कि उनके द्वारा की गई इस टिप्पणी से सदन में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला था। उन्होने इस टिप्पणी में मणिपुर की हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि जहां का राजा अंधा होता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है. इस पर अमित शाह ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, आप पीएम के बारे में इस तरह से सदन में नहीं बोल सकते है।