ज्ञानवापी मुद्दे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए परिसर के एएसआई (ASI) सर्वे को हरी झंडी दिखा दी है। इसके साथ ही एएसआई सर्वे को तत्काल प्रभाव से प्रभावी कर दिया है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है।
ज्ञानवापी मामला क्या है
काफी समय से इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं सुन ने को मिल रही है। लेकिन अब तक कई लोग ऐसे भी है, जिन्हें शायद इसकी जानकारी नहीं है कि आखिर ज्ञानवापी मुद्दा है क्या। अगर आप भी जान ना चाहते है कि आखिर ये मुद्दा है क्या तो हम आपके लिए इसी मुद्दे से संबंधित जानकारी लेकर के आएं है।
बात शुरू होती है 21 अगस्त 2021 से इसी दिन पांच मिहलाओँ द्वारा ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक याचिका को दायर किया इस याचिका में उन पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी। इस याचिका पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था। इस मामले में हिंदु पक्ष की ओर से ये दावा किया गया कि मस्जिद परिसर में जूखाने में शिवलिंग है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है।
मुद्दा सिर्फ कोर्ट में विवाद तक ही नहीं थमा आपको बता दें कि कोर्ट में हिंदु पक्ष की ओर से विवादित स्थल को सील करवाने की भी मांग की गई थी। इसपर सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने उस स्थल को सील करने का आदेश दिया था। इसी फैसले के प्रतिरुप मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहीं अब हाई कोर्ट ने इस मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है।