कोविड-19 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बड़ा एलान किया है, डब्ल्यूएचओ ने कहा की कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में समाप्त हो गया है । हलाकि इस एलान का मतलव ये भी है कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में खत्म हो गया है।
डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोम घेब्रेयस ने कहा कि ”कल संगठन की इमरजेंसी समिति की 15वीं बैठक हुई. मुझे यह बताया गया कि अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान कर देना चाहिए. मैंने उनकी सलाह स्वीकार कर ली. इसलिए अब बड़ी उम्मीद के साथ मैं ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान करता हूं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया है”
इतना ही नहीं डब्ल्यूएचओ ने बीते सप्ताह ये भी दावा किया कि COVID-19 से हर तीन मिनट में एक लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि यह केवल उन मौतों के बारे में है, जिसक जानकारी हमारे पास मौजूद हैं और दुनिया भर में लाखों लोग कोरोना वायरस के प्रभावों के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है। यह अभी भी लोगों को मार रहा है, और यह अभी भी बदल रहा है। नए वेरिएंट के उभरने का जोखिम बना हुआ है, जो मामलों और मौतों में नए उछाल का कारण बनता है।
कोरोना कि तीन लहरें
पहली लहर: देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था। पहली लहर का पीक 17 सितंबर 2020 को आया था. उस दिन करीब 98 हजार केस सामने आए थे। इस दौरान 1.08 करोड़ मामले सामने आए थे और 1.55 लाख मौतें हुई थी हर दिन औसतन 412 मौतें हुईं। कोरोना कि पहली लहर करीब 377 दिन तक चली थी।
दूसरी लहर: मार्च 2021 से ही संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे। अप्रैल और मई में दूसरी लहर अपने चरम पर थी। अप्रैल से मई तक लगभग 61 दिन तक कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई। इस दौरान 1.60 करोड़ नए मरीज मिले। 1.69 लाख लोगों की मौत हुई. यानी हर दिन औसतन 2,769 मरीजों की मौत हुई. दूसरी लहर का पीक 6 मई 2021 को आया था।
तीसरी लहर: ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई। 27 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई। 21 जनवरी को इसका पीक आया. उस दिन 3.47 लाख मामले सामने आए थे. लेकिन तीसरी लहर संक्रामक थी लेकिन जानलेवा नहीं थी