गोवा में एससीओ की मीटिंग शुरू हो चुकी है. इस बैठक में चीन-पाकिस्तान सहित 8 देशों के विदेश मंत्री भाग ले रहे हैं. बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंक का मुद्दा उठाया. जयशंकर ने आगे कहा कि आतंक पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए. इस कोरोना काल के साथ-साथ आंतकवाद एक बड़ा मुद्दा है.क्रास बॉर्डर टेररिज्म एक बड़ा मु्द्दा है.
इसको किसी भी तरह से बिना किसी भेदभाव के रोकना चाहिए. अफगानिस्तान में मानवीय स्तर पर सहयोग करना है. साथ ही आतंकवाद और ड्रग ट्रैफिकिंग रोकना है. आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद का कोई जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता है. आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है. एससीओ अध्यक्ष के रूप में हमने एससीओ पर्यवेक्षकों और डायलॉग पार्टनर्स को 14 से ज्यादा सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करके उनके साथ एक अभूतपूर्व जुड़ाव शुरू किया है. इसके अलावा, SCO में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इंग्लिश को एससीओ की तीसरी ऑफिशियल भाषा बनाना चाहिए.
एस. जयशंकर ने कहा कि एससीओ के सुधार और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विदेश मंत्री एस, जयशंकर ने कहा कि मैं एससीओ की भारत की पहली अध्यक्षता के तहत आपकी मेजबानी करते हुए हर्षित महसूस कर रहा हूं. एससीओ की हमारी अध्यक्षता के तहत, हमने 100 से अधिक बैठक और कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न किए जिनमें 15 मंत्री स्तरीय बैठकें शामिल हैं. भारत एससीओ में बहुपक्षीय सहयोग के विकास को और शांति एवं स्थिरता के संवर्धन को बहुत महत्व देता है.