Undersea Tunnel in India: दक्षिण मुंबई में भारत कि पहली बार समुद्र के नीचे की बनने वाली सुरंग अब पुरी होने को है .
यह सुरंग गिरगांव (मरीन ड्राइव से आगे) के पास शुरू होती है, जो अरब सागर, गिरगांव, चौपाटी और मालाबार हिल के नीचे उत्तर की ओर बढ़ती है और ब्रीच कैंडी के प्रियदर्शिनी पार्क पर समाप्त होती है. 2.07 किलोमीटर लंबी सुरंग बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की 12,721 करोड़ रुपये की मुंबई तटीय सड़क परियोजना (MCRP) का हिस्सा है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई कि ये सुरंग 10.58 km लम्बी है । इस सुरग कि बनने कि लागत कुल 12.721 करोड़ है।
10.58 किलोमीटर लंबी एमसीआरपी मरीन ड्राइव को बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ती है। इस हाई-स्पीड कोस्टल रोड का लक्ष्य पीक आवर्स के दौरान गिरगांव से वर्ली तक के 45 मिनट के आवागमन को घटाकर केवल 10 मिनट करना है। यह सुरंग समुद्र तल से 17-20 मीटर नीचे है. इसका लगभग 1 किलोमीटर हिस्सा समुद्र के नीचे है.और तो और ये सुरंगें मालाबार हिल में 72 मीटर की गहराई तक पहुंचती हैं.
सुरंग के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर अगला हिस्सा फाइबरग्लास का बनाया जायेग। इस परियोजन की अगुआई कर रहे अतिरिक्त नगर आयुक्त अश्विनी भिडे ने कहा कि सुरंग का 93 प्रतिशत काम लगभग पूरा हो चुका है। भारत की पहली अंडर वाटर सी टनल में कुल 6 मार्ग होगे 4 मार्ग पैदल चालको के लिये और 2 मोटर चालकों के लिये परियोजना प्रबंधन सलाहकार (PMC) दक्षिण कोरिया स्थित योशिन इंजीनियरिंग कंपनी के एक वरिष्ठ टनल इंजीनियर नमकक चो ने कहा कि प्रत्येक टनल में दो लेन परिचालन के लिए होंगी, लेकिन तीसरी का उपयोग आपात स्थिति में या वाहनों में वृद्धि होने पर किया जाएगा। इस सुरंग की सबसे खास बात ये है कि यह अब तक की सबसे बड़ी टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग है। टीबीएम का वजन 1,700 टन से अधिक है और यह लगभग 12 मीटर लंबा है और यही बात जो लोगों का ध्यान अपने तर्फ आकर्षित कर रही है। नमकक चो ने कहा कि पीछे कुछ सैलून में भारत और चीन के बीच महामारी और राजनीतिक तनाव के कारण इस सुरंग को बनने में देरी हुई।