One Nation One Election क्या है ?
देशभर में चारों और One Nation One Election को लेकर चर्चाएं तेज है।कई पार्टिया इसे लेकर केंद्र सरकार से सवाल करती हुई नजर आ रही है। लेकिन आखिर वन नेशन, वन इलेक्शन है क्या? आज यानी 1 सिंतबर को केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में टीम को गठित किया गया है। हालांकि टीम में शामिल होने वाले सदस्यो के नाम का जिक्र अब तक नहीं किया गया है। लेकिन इसे लेकर जानकारी सामने आई है कि जल्द ही नोटिफिकेशन के जरिए नामो को भी सामने पेश कर दिया जाएगा।
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केंद्र सरकार की ओर से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी देश में एक साथ चुनाव की संभावनाओं का पता लगाएगी वहीं बात करें कि आखिर ये विधेयक है क्या तो बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से इस विधेयक को लाने का मक्सद केवल देश में एक साथ चुनाव कराए जाने से है। आसान भाषा में समझा जाए तो पूरे देश में लोकसभा चुनाव से लेकर सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक ही साथ हो वहीं इन दोनो ही चुनावों के लिए सरकार की ओर से एक ही वोटिंग तारीख या फिर उसके आस-पास की तारीख को तय किया जा सकता है।
क्या है इस विधेयक के फायदे और नुकसान
वहीं इस बिल को लेकर के कहा जा रहा है कि देश में एक साथ चुनाव कराए जाने से काफी हद तक अनावश्यक खर्च को बचाया जा सकता है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ही 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान 60,000 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हुई थी। बीते सालों में ये भी देखा गया है कि किसी ना किसी प्रदेश में चुनाव आयोजित होते है। जिसके कारण काफी राशि का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि इस विधेयक को लाने के पीछे सरकार की ओर से भी कई बार इस तर्क को सामने रखा गया है।
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