राष्ट्रपति ने देश को किया संबोधित
देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया उन्होंने देश के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी रहा है इसलिए स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए गौरव का दिन है।
स्वतंत्र दिवस हमें याद दिलाता है की हम?
अपनी बात में उन्होंने आगे कहा की स्वतंत्र दिवस हमें याद दिलाता है की हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है. यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है।
भारत की आत्मा को जगाया गांधी जी ने
गांधीजी और अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया, भारत के ज्लवंत उदाहरण का अनुसरण करते हुए हमारे स्वाधीनता संग्राम की आधारशिला सत्य और अहिंसा को पूरी दुनिया के अनेक राजनीतिक संघर्षों में सफलतापूर्वक अपनाया है।
हर क्षेत्र में विकास कर रही है महिलाएं
देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा की आज महिलाएं विकास और देश सेवा के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं और राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं. आज हमारी महिलाओं ने ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बना लिया है जिनमें कुछ दशकों पहले उनकी भागीदारी की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
चुनौतियों को अवसर में बदला देश ने- मुर्मू
देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली जीडीपी ग्रोथ दर्ज की है, हमारे अन्नदाता किसानों नेै हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राष्ट्र उनका ऋणी है।
विशेष कार्यक्रम का हो रहा आयोजन
आदिवासियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा की आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाने और उन्हें प्रगति की यात्रा में शामिल करने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। में अपने आदिवासी भाई-बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं. जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पहल की गयी है तथा व्यापक स्तर पर कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
चंद्रयान 3 पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कही बात
राष्ट्रपति ने कहा, ”चंद्रमा का अभियान अंतरिक्ष के हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए केवल एक सीढ़ी है. हमें बहुत आगे जाना है.” उन्होंने कहा, ”अनुसंधान, नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए, अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ सरकार द्वारा अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया जा रहा है. यह फाउंडेशन हमारे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों में रिसर्च और डेवलपमेंट को आधार प्रदान करेगा, उन्हें विकसित करेगा और आगे ले जाएगा.”
उन्होंने कहा, ”अंतरराष्ट्रीय सौर-ऊर्जा अभियान को भारत ने नेतृत्व प्रदान किया है. विश्व समुदाय को हमने लाइव यानि लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट का मंत्र दिया है. लोभ की संस्कृति दुनिया को प्रकृति से दूर करती है और अब हमें यह एहसास हो रहा है कि हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहिए