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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोबाइल फोन को लेकर एक एडवाइजरी जारी कर स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाया है। इस प्रतिबंध में सरकार की ओर से शिक्षकों और छात्र दोनों को ही फोन का उपयोग करने से परहेज करने को कहा गया है। सरकार की ओर से जारी इस एडवाइजरी में ये इस टेकनोलॉजी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मोबाइल फोन आज के जीवन में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले गैजेट में से एक है, चाहे वे छात्र हों, शिक्षक हों, पेशेवर हों या कोई और. इसलिए, हमारे लिए तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता पर विचार करना जरूरी है, इसके पॉजिटिव और निगेटिव दोनों नतीजे हो सकते हैं. स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से अवसाद, चिंता, सोशल आइसोलेशन, हाइपर एक्टिविटी, हाइपर टेंशन, नींद की कमी और कमजोर दृष्टि जैसे परिणाम हो सकते हैं।
एडवाइजरी में इस बात का किया जिक्र
बता दें कि सरकार की ओर से जारी हुई इस एडवाइजरी में टेक्नोलॉजी से पढ़ने वाले नेगेटिव असर के बारें जिक्र करते हुए कहा गया है कि यह सीखने की प्रक्रिया में नकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है और एकेडमिक प्रदर्शन, लाइफ सटिसफैक्शन, फेस-टू-फेस बातचीत की क्वालिटी, संबंध और घनिष्ठता पर निगेटिव असर डाल सकता है. इसके अलावा, उत्पीड़न की घटनाएं, गलत तस्वीरें खींचना, रिकॉर्डिंग करना या अनुचित कंटेट अपलोड करना भी संभावित रूप से नकारात्मक हैं जो सामाजिक ताने-बाने के साथ-साथ बच्चे के भविष्य के लिए हानिकारक हैं।
इस एडवाइजरी के जरिए सरकार ने ना सिर्फ स्कूल और बच्चों से बल्कि बच्चों के अभिभावकों से भी इस प्रस्ताव पर अधिक से अधिक सहमती देने की बात कही है। ताकी स्कूल में बेहतर और शानदार माहौल के साथ छात्रों को अधिक और अच्छी शिक्षा दी जा सके।
स्कूल परिसर में ना लाएं मोबाइल
वहीं अभिभावकों से इस बात की भी अपील की गई कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र को स्कूल परिसर में फोन लेकर ना आएं. यदि किसी कारणवर्ष कोई भी छात्र स्मार्टफोन लेकर के आता है तो उसे एक लॉकर में या दूसरी व्यवस्था होनी चाहिए जहां वह अपने मोबाइल फोन को जमा करवा सकें वहीं जब स्कूल से छुट्टी हो तोह उन्हें स्मार्टफोन वापस कर दिया जाए